तन्हाई की घड़ियों में.......
Wednesday, 16 August 2023
बिरहन
(हरिणी छंद) बिरहन सावन में नयना बरसे। साजन खातिर को तरसे।। मौसम सौतन आनि डसे। बालम जाय बिदेस बसे।। 14/6/23 ~अजय 'अजेय'।
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