Monday 10 January 2022

ओमीक्राॅन लहर

<ओमीक्राॅन लहर> <(भुजंगी छंद)> <नहीं हो रहा है हमें कुछ असर, बिना मुख ढके घूमते हैं निडर, गये भूल बीती हुई वो लहर, तभी भान होता गिरें जब गटर। जरा छूट पाई लगे झूमने, पहाड़ी समंदर लगे घूमने, भुला के सिखाये सभी कायदे, लगा कर गले से लगे चूमने। करोना दुबारा पलट आ गया, खतरनाक 'ओमी' कहा है गया, बड़ी तेज गति से कहर ढा रहा, न जाने किधर से किलर आ रहा। 10/1/22 ~अजय'अजेय'।>