Wednesday 16 August 2023

कर्मफल

(घनाक्षरी छंद) कर्मफल बुरे हों करम तो बुरा ही फल मिल पाये। राम या रहीम चाहे नर हों या नारी हो।। कोई न हो भेद भाव चले नहीं पेंच दाव। दोष के खिलाफ जब चलती कटारी हो।। देर न अंधेर न ही कोई हेरफेर चले। सुनवाई चले जैसे छूटती सवारी हो।। भाई न भतीजा मिले किये का नतीजा बस। हिले न हिलाये न्याय-बाट अस भारी हो।। 01/05/23 ~अजय 'अजेय'।

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