(चित्र लेखन-कुण्डलिया छंद)
सहृदय पुलिस वाले
सेवा करते पुलिस की, मन से भाव जगाय।
जलता पाँव गरीब लख, पग पर लिया चढ़ाय।।
पग पर लिया चढ़ाय, रोक दी आती गाड़ी।
पार करायी सड़क, कमाई सही दिहाड़ी।।
पाया आशिर्वाद, निभाईं सेवा शर्तें।
कई पुलिस के लोग, लगा मन सेवा करते।।
1/7/23 अजय 'अजेय'।
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