Wednesday 24 March 2021

मुंबई के रखवाले

मुंबई के रखवाले (घनाक्षरी छंद) भर कर जिलेटिन कार खड़ी कर गए, रखवाले घर के ही घर को उड़ाने को। पकड़े गए हैं सब जान फँस गई तब, झूठ पर झूठ अब गढ़े हैं सुनाने को। पद से निकल गए अब हैं बिफ़र गए, डीजीपी जी चले अब राज ये बताने को। एक सौ करोड़ प्रति माह लाओ कहते थे, मजबूर हम भए पद को बचाने को। 23/3/21 अजय 'अजेय'।