Monday 3 May 2021

सिपाही

चित्र लेखन (निश्चल छंद) सिपाही जल हो या थल करते कभी न, वे परवाह। सीमाओं पर डटे रोक कर, अरि की राह।। देखो कैसे छिप कर के हैं, वे तैनात। झेल रहे खतरे चाहे हो, दिन या रात।। 25/3/21 ~अजय 'अजेय'।

होली दोहावली

सभी को होली की हार्दिक बधाई और शुभकामनायें---- होली-दोहावली दहन कीजिए भेद सब, इस होली के संग। मिट जायें शिकवे गिले,मिटे आपसी जंग।। प्रेम-रंग रंग दीजिए, सारा भारत देश। बसे स्नेह हर हृदय में, रहे न कोई द्वेष।। 28 मार्च 21 ~अजय 'अजेय '।

महाशिवरात्रि के शिव

*_महाशिवरात्रि के शिव_* (सरसी छंद) मंदिर मंदिर भीर लगी है, शिव जी रहे नहाय। कोई जल से नहलाता है, कोई दूध चढ़ाय। दही लिपाये कोई लेकर, कोई बेर खिलाय। कोई लाया भाँग-धतूरा, कोई शहद चटाय। भोले-भाले भोले बाबा, सबको रहे लुभाय। राजा रंक सभी के भोले, पल में जात रिझाय। सबसे अलग देवता मेरो, अड़भंगी कहलाय। सर पर गंगा चाँद भाल पर, साँप गले लटकाय। 10/03/21 ~अजय 'अजेय'।

मौसम परिवर्तन

कुण्डलिया छंद मौसम परिवर्तन सर्द हवायें कम हुईं, कंबल नहीं सहात। स्वेटर दस्ताने हटे, दोहर लागै रात।। दोहर लागै रात, रजाई धूप सेंकतीं। तेज चाल पर देह,पसीने बूंद फेंकतीं।। मौसम का बदलाव, उड़ाती गर्द बतायें। फागुन में अलोपित, होती शीत हवायें।। 02/03/21 ~अजय 'अजेय'।