Wednesday, 16 August 2023

आम का बागीचा

(चित्र लेखन)
आम का बागीचा हैं लद गये ये पेड़ सब सिंदूर से लगा। है बागबाँ भी खुश हुआ मन आस है जगा। बुनते हुये कुछ खाब दिल में हूक सी उठी। यदि आ गयी आँधी कहीं तो जाए*गा ठगा।। 9/6/23 ~अजय 'अजेय'।

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