तन्हाई की घड़ियों में.......
Thursday, 17 August 2023
चाटुकार
चित्र-लेखन (चौपाई छंद)
चाटुकार कहने को सब नामचीन हैं। नीतिहीन अरु वसनहीन हैं।। छिलके हैं इनमें नहिं गूदे। काज करें सब आँखें मूँदे। दिखने को आतुर ये अव्वल। बेच चरित नित चाटें चप्पल।। जिनके आगे नत हैं गामा। चाटुकार इनका है नामा।। 14/4/23 ~अजय 'अजेय'।
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