Thursday 5 May 2022

बेटी के विवाहोपरांत

पड़ा जो डाका मुझ पे, पाई-पाई ले गये,
कुछ केश सँवारे थे, जो नाई ले गये।।
बहूरानी लाये थे, बेटी के भाई ले गये,
बिटिया थी पली नाज से, जँवाई ले गये।।

अब टूटे-फूटे घर में, बस मान बचा है,
पूरे हुए सभी, न अब अरमान बचा है।।
धड़कते दिल संग, तनिक जान बचा है,
एक प्यारा सा खिलौना, ईवान बचा है।।
04/05/22           ~अजय 'अजेय'।