Saturday, 12 August 2023

रोजगार

चित्र-लेखन (मदिरा सवैया छंद) रोजगार
भार उठावन हो सिर या फिर गोबर हो कर-पाथन को। भोजन खातिर राह लखैं कछु काम मिले जन हाथन को।। राज किसी दल के बल हो पर साथ बराबर शासन हो। भूख पियासन जान तजें उससे पहिले घर राशन हो।। 22/9/22 ~अजय 'अजेय'।

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