Sunday 31 March 2024

करगिल विजय दिवस

 करगिल विजय दिवस पर...

(कुण्डलिया छंद)


आ धमके नापाक अरि, कर करगिल में घात।

उन्निस सौ निन्यानबे, बात हुई यह ज्ञात।।

बात हुई यह ज्ञात,  इरादे नेक न उनके।

छेंके आ कर बँकर, छल से ताने बुनके।।

भागे पूँछ दबाय, गिरे जब गोले जमके।

धर दोज़ख की राह, गये जो थे आ धमके।।

26/7/23           ~अजय 'अजेय'।

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