Saturday 30 March 2024

पलक बिछाये

पलक बिछाये
(विष्णुपद छंद)

गयी ठंड आयी मौसम में, थोड़ी गर्मी अब।
पायी है राहत जन मन ने, छाई नर्मी तब।।
छँटा कोहरा लगे दिखाई, देने रस्ते सब।
पलक बिछाए राहें तकते, तुम आओगे कब।। 
 8/2/23                    ~अजय 'अजेय'।

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