मामा के घर भान्जा
(मनोरम छंद)
साँझ को जब चाँद आया,
चाँदनी पर तिलमिलाया।
लाल पीला कह रहा वह,
बोल किसको घर बुलाया।।
चाँदनी ने देख माया,
नेह से उसको बताया।
देख लो खुद ही बुलाकर,
भान्जा ननिहाल आया।।
*ज्ञान 'अवनी' ने मँगाया,*
यान पर है बैठ आया।
नाम 'विक्रम' कह रहा है,
*"भारती" का पूत पाया।।*
*चाँद मामा मुस्कुराया,*
चाँदनी को उर लगाया।
भान्जे को काँध पर ले,
घूम सारा घर दिखाया।।
1/9/23 ~अजय 'अजेय'।
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