मेरी पतंग ...
सैकड़ों पतंगें उडती
सैकड़ों पतंगें उडती
देखता हूँ फलक पर मैं
दुआ है... मेरी पतंग को,
कोई नज़र न लगे
साजिशों की हवा
बड़ी गर्म है यहाँ
सहोदर भाइयों की भी
संग संग मेज़ न लगे
प्रतिस्पर्धा का दौर
अति कठोर है यहाँ
जहाँ दम्पति की भी साथ-साथ
सेज न लगे
अपने माँझे की मजबूती का
यकीन तो है मुझे पर
डर है साजिश की
धार कोई तेज न लगे
खिल उठेंगे हम जब
मिलेगी मंजिल मेरी पतंग को
चाहे मेरी ख़ुशी का
उसे पता लगे न लगे
08/07/2009 ...अजय
08/07/2009 ...अजय
साजिशों की हवा बड़ी गर्म है यहाँ
ReplyDeleteसहोदर भाइयों की भी संग संग मेज़ न लगे...
Ek kaThor satya aaj ke parivesh me...