दोहा छंद...
सुनो सी यम जी...
पी यम अपना कर रहे, तुम को अपना काज।
हाथ खुजाते रहो गर, नहीं करोगे आज।।
पी यम के सर देश है, शेष तिहारे नाम।
साया उसका छोड़कर, खुद भी कर लो काम।।
कहाँ-कहाँ वह खड़ा हो, कहाँ-कहाँ दे साथ।
तेरे अपने पाँव हैं, तेरे भी हैं हाथ।।
कब तक ढुलमुल चलोगे, थामे मोदी हाथ।
अपने पाँव बढ़ाइए, मजबूती के साथ।।
मोदी बैठे बीच में, दिखा रहे हैं राह।
गाँवन के तुम रहनुमा, जीतो जन की वाह।।
सेंगर जैसों से परे, रखिये सोच विचार।
यूँ लगाम कसिये तनिक, होय न अत्याचार।।
२३/१२/१९ ~~~अजय 'अजेय' ।
सुनो सी यम जी...
पी यम अपना कर रहे, तुम को अपना काज।
हाथ खुजाते रहो गर, नहीं करोगे आज।।
पी यम के सर देश है, शेष तिहारे नाम।
साया उसका छोड़कर, खुद भी कर लो काम।।
कहाँ-कहाँ वह खड़ा हो, कहाँ-कहाँ दे साथ।
तेरे अपने पाँव हैं, तेरे भी हैं हाथ।।
कब तक ढुलमुल चलोगे, थामे मोदी हाथ।
अपने पाँव बढ़ाइए, मजबूती के साथ।।
मोदी बैठे बीच में, दिखा रहे हैं राह।
गाँवन के तुम रहनुमा, जीतो जन की वाह।।
सेंगर जैसों से परे, रखिये सोच विचार।
यूँ लगाम कसिये तनिक, होय न अत्याचार।।
२३/१२/१९ ~~~अजय 'अजेय' ।
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