उदासी
न हो तू उदास ऐ मेरे दिल ,
कभी तो वो दिन भी आ जायेगा .
तुझे मिल जायेगी मंजिल
और तू भी खिल खिल जायेगा .
न हो मायूस तू इस कदर,
और ना तू अपने इरादे बदल,
न रुक जाना राहे-वफ़ा में कहीं,
बस उम्मीदों को थामे तू आगे बढ़ा चल .
कभी तो वो पत्थर पिघल जायेगा ,
बेवफा दिल पलट कर के आ जायेगा ...
न हो तू उदास ऐ मेरे दिल ,
कभी तो वो दिन भी आ जायेगा .....
ये सच है कि उसने नज़र फेर ली है ,
न तुझको निहारा, न तुझसे मिली है,
परिंदों सी ख्वाइश को दिल में बसा ...
मोम की गुड़िया, सूरज को छूने चली है,
पंख जल जायेंगे होश आ जायेगा ,
तब तेरे प्यार का मोल याद आयेगा ...
न हो तू उदास ऐ मेरे दिल ,
कभी तो वो दिन भी आ जायेगा .....
09 दिसम्बर 93/01 फ़रवरी 2013 ...अजय
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