(घनाक्षरी छंद)
युद्ध व्यवसायी नीति
दंश करोना का अभी गया भी नहीं कि देखो,
साये युद्ध वाले नभ पर दिखने लगे।
बंद किए बैठे थे दुकान हथियारों वाले,
झाड़ पोंछ कर बही-खाते लिखने लगे।
धूल फाँकने लगी थीं मँडियां करोना में जो,
थोप कर युद्ध बोल बोल चीखने लगे।
खुद तो न लड़ें पर पीछे हम खड़े कहें,
भरती तिजोरियों के मंत्र सीखने लगे।
23/3/22 ~अजय 'अजेय'।
<ओमीक्राॅन लहर>
<(भुजंगी छंद)>
<नहीं हो रहा है हमें कुछ असर,
बिना मुख ढके घूमते हैं निडर,
गये भूल बीती हुई वो लहर,
तभी भान होता गिरें जब गटर।
जरा छूट पाई लगे झूमने,
पहाड़ी समंदर लगे घूमने,
भुला के सिखाये सभी कायदे,
लगा कर गले से लगे चूमने।
करोना दुबारा पलट आ गया,
खतरनाक 'ओमी' कहा है गया,
बड़ी तेज गति से कहर ढा रहा,
न जाने किधर से किलर आ रहा।
10/1/22 ~अजय'अजेय'।>