कुछ केश सँवारे थे, जो नाई ले गये।।
बहूरानी लाये थे, बेटी के भाई ले गये,
बिटिया थी पली नाज से, जँवाई ले गये।।
अब टूटे-फूटे घर में, बस मान बचा है,
पूरे हुए सभी, न अब अरमान बचा है।।
धड़कते दिल संग, तनिक जान बचा है,
एक प्यारा सा खिलौना, ईवान बचा है।।
04/05/22 ~अजय 'अजेय'।
वाह क्या बात, बहुत सुंदर ❤️👏👏
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