Wednesday 23 March 2022

होलिका दहन

<(कुण्डलिया छंद)> होलिका दहन <होली का हैप्पी हुई,जल गै जिसके बाल। साजिश सब चौपट भई,फेल दुष्ट की चाल।। फेल दुष्ट की चाल,जल गई बहिना प्यारी। जली बुराई संग श्रृंगारी गहना धारी।। कह अजेय कविराय,न चढ़िये छद्मी डोली। जल जायेंगे ऐसे, जैसे जलती होली।। <18/3/22 ~अजय 'अजेय'।>

No comments:

Post a Comment