तन्हाई की घड़ियों में.......
Monday, 3 May 2021
सिपाही
चित्र लेखन (निश्चल छंद) सिपाही जल हो या थल करते कभी न, वे परवाह। सीमाओं पर डटे रोक कर, अरि की राह।। देखो कैसे छिप कर के हैं, वे तैनात। झेल रहे खतरे चाहे हो, दिन या रात।। 25/3/21 ~अजय 'अजेय'।
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment