कुण्डलिया छंद
मौसम परिवर्तन
सर्द हवायें कम हुईं, कंबल नहीं सहात।
स्वेटर दस्ताने हटे, दोहर लागै रात।।
दोहर लागै रात, रजाई धूप सेंकतीं।
तेज चाल पर देह,पसीने बूंद फेंकतीं।।
मौसम का बदलाव, उड़ाती गर्द बतायें।
फागुन में अलोपित, होती शीत हवायें।।
02/03/21 ~अजय 'अजेय'।
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