Sunday, 13 October 2019

चित्र लेखन (शक्ति छंद) - मेहनत की देवियाँ



शक्ति छंद - मेहनत की देवियाँ...

का कहूँ मैं, देख कर यह शक्ति रूपा।
पालती है पेट में जो, निज सरूपा।।
मेहनत ही बन गयी है भोज इनका।
देवियाँ कह भेंट कर दूँ दीप-धूपा।।

१२/१०/१९          ~अजय 'अजेय'।

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