चित्र लेखन
(मधुमालती छंद)
रंगीन बिस्तर लग गया।
है गाँव में उत्सव नया।
महमान आयेंगे नये।
लो गाँव सारा सज गया।।
२३/११/१९ ~अजय 'अजेय'।
*विधाता छंद* में एक प्रयास:-
बिछाकर चादरें तकिया,लुभाने की तयारी है।
बिगड़ती बात बनने की, सभी को इंतजारी है।।
लगे जो देर तो बढ़ने लगी है, मन की आशंका।
बने सरकार या फिर से, वही बेरोजगारी है।।
२४/११/१९ ~अजय 'अजेय'।
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