Sunday 6 October 2019

दोहा-यातायात बनाम मोबाइलाचार

यातायात बनाम मोबाइलाचार...
एक मित्र द्वारा भेजे गए एक विडियो को देख कर मन में कुछ भाव जगे जिन्हें कुछ दोहों के रूप में प्रस्तुत कर रहा हूँ ...

(दोहा)
मोबाइल को जेब धर, घर से निकलो यार।
चलत-चलत ना बात हो, चीख रही सरकार।।

ऐसी आफ़त कौन सी, रुकते नहीं सवार।
टेढ़ी मुंडी करि करें, बात, घात, बेकार ।।

रख विधान सब ताक पर, लाँघत हैं आचार।
अपने भी घाती बनें, सहचर पर भी वार।।

बेवकूफ हैं कम नहीं, है इनकी भरमार।
खोजत निकलो एक को, मिल जायेंगे चार।।

२३-८-१९                   ~~~अजय 'अजेय'।

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