अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर मेरा योगदान
(श्रृंगार छंद)
*योग*
बनाता है मन को नीरोग।
भगाता है जो तन से रोग।।
नहीं है किसी धर्म का योग।
करें नित इसका सब उपयोग।।
न इससे अपना नाता तोड़।
योग को नहीं धर्म से जोड़।।
योग का तो मतलब ही जोड़।
अपना कर इसको रस निचोड़।।
21/6/21 ~अजय 'अजेय'।
No comments:
Post a Comment