Wednesday 8 January 2020

लावणी छंद

शिक्षा का राजनीतिकरण...
लावणी छंद

शिक्षा का राजनीतिकरण

विद्यालय में पढ़ने आये, या हंगामा करने को।

तख्ती लेकर निकल पड़े हो, सारे गा मा करने को।।

माता और पिता ने भेजा, तुमको विद्या पाने को।

तुम लक्ष्यों को दरकिनार कर, निकलें ड्रामा करने को।।

कोई कर में डण्डा थामे, चेहरा ढक कर निकला है।

मार कुटाई मची हुई है, जाने कैसा घपला है।।

किसने किसका हाथ मरोड़ा, कौन बन गया अबला है।

किसने किसके सर को फोड़ा, राजनीति का मसला है।।
७/१/२०                                    ~~~अजय 'अजेय'।

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