(घनाक्षरी छंद में एक प्रयास)
*तमाशा-ए-महाराष्ट्र*
खतम उठा-पटक हुई महाराष्ट्र में,
कृष्ण बन ऊधो जी को कुरसी थमाई है।
देवइन्द्र-कोशियारी जी की होशियारी वाली,
जुगति-जुगाड़ कोई काम नहीं आयी है।
नट-बोल्ट कस कर तीन चक्के फंँस कर,
भेद भाव भूल सरकार बनवाई है।
सचल रहेगी ये आघाड़ी पूरे पाँच साल,
या कि इस गाड़ी ने उमर लघु पाई है।
२८/११/१९ ~~~अजय 'अजेय'।
कृष्ण बन ऊधो जी को कुरसी थमाई है।
देवइन्द्र-कोशियारी जी की होशियारी वाली,
जुगति-जुगाड़ कोई काम नहीं आयी है।
नट-बोल्ट कस कर तीन चक्के फंँस कर,
भेद भाव भूल सरकार बनवाई है।
सचल रहेगी ये आघाड़ी पूरे पाँच साल,
या कि इस गाड़ी ने उमर लघु पाई है।
२८/११/१९ ~~~अजय 'अजेय'।
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