एक संकल्प ...
(दीपोत्सव पर)
देर नहीं है हुई अभी
आओ लें संकल्प सभी
दीपावली पर्व दीपों का
दीपों से ही सजे गली
महके तेल चिरागों का
ना हो शोर पटाखों का
हवा रहे साफ़ सुथरी ही
गंध न हो पोटाशों का
चोरी और चकारी ना हो
लहू भरी पिचकारी ना हो
भाई चारे की हो बोली
कहीं कोई सिसकारी ना हो
लक्ष्मी जी का आवाहन हो
घर घर में आरती हवन हो
गीत खुशी के हर आँगन में
कहीं न कोई चीख , रुदन, हो
रोशन हो भारत का हर मन
मिटे अँधेरा, ना हो क्रंदन
राजा रंक फ़कीर संत जन
पुलकित रहें, खिले हर उपवन
17 जुलाई 13 ....अजय.
(दीपोत्सव पर)
देर नहीं है हुई अभी
आओ लें संकल्प सभी
दीपावली पर्व दीपों का
दीपों से ही सजे गली
महके तेल चिरागों का
ना हो शोर पटाखों का
हवा रहे साफ़ सुथरी ही
गंध न हो पोटाशों का
चोरी और चकारी ना हो
लहू भरी पिचकारी ना हो
भाई चारे की हो बोली
कहीं कोई सिसकारी ना हो
लक्ष्मी जी का आवाहन हो
घर घर में आरती हवन हो
गीत खुशी के हर आँगन में
कहीं न कोई चीख , रुदन, हो
रोशन हो भारत का हर मन
मिटे अँधेरा, ना हो क्रंदन
राजा रंक फ़कीर संत जन
पुलकित रहें, खिले हर उपवन
17 जुलाई 13 ....अजय.
सुंदर सोच और सुंदर अभिव्यक्ति ....!!
ReplyDeleteशुभकामनायें ....!!