उम्र पर कश्मकश...
भाई हिरण्यकश्प
मैं बहन हूँ होलिका
मैं कर रही हूँ तुमसे
सिर्फ इतनी इल्तिजा .
बेख़ौफ़ कह रही हूँ कि
मुझको नहीं पता ...
तू देने जा रहा मुझे
किस बात की सजा .
सोलह की हो रही हूँ
अभी मत मुझे जला ...
प्रहलाद के लिए तू
खोज और रास्ता .
18 मार्च 13 ...अजय
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