सूखल बीतेला फगुनवा ....
(एक भोजपूरी गीत )
नाहीं अइलें सजनवाँ....हमार ननदो...
सून लागता आंगानावा, हमार ननदो,
तनी मान मोर कहानवा...हमार ननदो॰
अपनी भइया के बोला द हमार ननदो।
कैसे लागी हमार मनवा, हमार ननदो...
सूखल बीतेला फगुनवा हमार ननदो,
तनी मान मोर कहानवा...हमार ननदो॰
अपनी भइया के बोला द हमार ननदो।
तोहार खोजब हम पहुनवा, हमार ननदो ...
तोहके देइब हम कंगनवा, हमार ननदो॰
तनी मान मोर कहानवा...हमार ननदो॰
अपनी भइया के बोला द हमार ननदो।
नाहीं अइलें सजनवाँ....हमार ननदो...
सून लागता आंगानावा, हमार ननदो।
तनी मान मोर कहानवा...हमार ननदो॰
अपनी भइया के बोला द हमार ननदो।
हमार मनसा पूरा द... हमार ननदो
हमरी सइयाँ के बोला द हमार ननदो
तनी मान मोर कहानवा...हमार ननदो॰
अपनी भइया के बोला द हमार ननदो।
सून लागता आंगानावा, हमार ननदो,
हमरी सइयाँ के बोला द हमार ननदो ।
27 मार्च13 ....अजय