तन्हाई की घड़ियों में.......
Thursday, 23 December 2021
बदले भाव-आये चुनाव
(महाश्रृंगार छंद)
बदले भाव - आये चुनाव
देख कर के बदले ये भाव।
हैं उठते जन-मन में सवाल।
क्या हो नहीं सकते चुनाव।
हर साल और साल-दर-साल।
याद आ गये गाँव देहात।
भुलाई सारी बिगड़ी बात।
हो रही सौगाती बरसात।
बँट रही है खुल के खैरात।
23/12/21 ~अजय'अजेय'।
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