एक चेहरा ...
कर गया हमको यूँ दीवाना सा,
एक चेहरा, जाना पहचाना सा...(२)
हम गुनगुनाते रहे, ताउम्र उसे,
बना के ख़ूबसूरत एक तराना सा...
मिला हमको वो नये शहर के जलसे में,
दबी हँसी, और अंदाज़ वो पुराना सा...
सुकूँ मिला, चलो हैं वो भी, यहीं ख़ुशी-राजी,
सज़ा के अपना, आशियाना सा...
बड़ी हसरत लिये बढ़े क़दम, मिलने उनसे,
चल दिये वो, बन के, अंजाना सा...।
एक चेहरा जाना पहचाना सा,
कर गया मुझको, यूं बेगाना सा,
27 Nov17. ~~~ अजय
कर गया हमको यूँ दीवाना सा,
एक चेहरा, जाना पहचाना सा...(२)
हम गुनगुनाते रहे, ताउम्र उसे,
बना के ख़ूबसूरत एक तराना सा...
मिला हमको वो नये शहर के जलसे में,
दबी हँसी, और अंदाज़ वो पुराना सा...
सुकूँ मिला, चलो हैं वो भी, यहीं ख़ुशी-राजी,
सज़ा के अपना, आशियाना सा...
बड़ी हसरत लिये बढ़े क़दम, मिलने उनसे,
चल दिये वो, बन के, अंजाना सा...।
एक चेहरा जाना पहचाना सा,
कर गया मुझको, यूं बेगाना सा,
27 Nov17. ~~~ अजय
नई दुनिया, नए रिश्ते, नई कहानी है।
ReplyDeleteरीत रिश्तों की, दुनिया की, भी निभानी है।
दिल तो उनका भी था, खूब हंसने का, बतियाने का।
दिन वो बचपन के, जवानी के, लौट लाने का।
इसलिए चल दिये वो, बनके एक अनजाना सा।
करके हमको, यूं एक दीवाना सा, बेगाना सा।
जय हिंद, श्रीमानजी☺️👍💐
शुक्रिया योगेश
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