सौम्य दिवाली - सभ्य दिवाली...
सुनो मेरे मित्रों, सुनो मेरे आका,
सुनो मेरे भाई, सुनो मेरे काका,
सुनो बबलू , डबलू , सुनो रॉनी, राका,
सुनो जी फलाना, सुनो जी ढिमाका।
हो सुंदर दिवाली, हो उज्ज्वल दिवाली,
न हो कोई बम-वम, न कोई धमाका,
दीपों से रोशन हो, घर-घर खुशहाली,
न कोई प्रदूषण, न कोई पटाखा।
न गन्दी हों गलियाँ, न मुरझायें कलियाँ,
न शोला कोई हो, सबब हादसा का,
न भयभीत हों जन, न शंकित रहें मन
न बारूद कर दे, दुखी मन हवा का।
मनाएं दिवाली यह, सौम्य सभ्यता से,
पेश आयें न आप, किसी से असभ्यता से,
सुनो मेरे मित्रों, सुनो मेरे आका,
सुनो मेरे भाई, सुनो मेरे काका,
सुनो बबलू , डबलू , सुनो रॉनी, राका,
सुनो जी फलाना, सुनो जी ढिमाका।
हो सुंदर दिवाली, हो उज्ज्वल दिवाली,
न हो कोई बम-वम, न कोई धमाका,
दीपों से रोशन हो, घर-घर खुशहाली,
न कोई प्रदूषण, न कोई पटाखा।
न गन्दी हों गलियाँ, न मुरझायें कलियाँ,
न शोला कोई हो, सबब हादसा का,
न भयभीत हों जन, न शंकित रहें मन
न बारूद कर दे, दुखी मन हवा का।
मनाएं दिवाली यह, सौम्य सभ्यता से,
पेश आयें न आप, किसी से असभ्यता से,
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