छलियों से सावधान...
छलने वालों से रहना सतर्क साथिया,
उनको आते हैं लाखों सु-तर्क साथिया।
पास आएंगे, तुमको लुभाएँगे वो,
रस मे डूबी कहानी सुनाएँगे वो,
उनकी बातों मे जाना, उलझ ना प्रिये,
वो जला लेते हैं, आँसुओं से दिये,
मिर्च बेचते हैं वे, लगा के बर्क साथिया ...
उनको आते हैं लाखों सु-तर्क साथिया।
उनकी काया के रंग गोरे-गोरे से हैं,
उनके मुखड़े के भाव, बड़े भोले से हैं,
उनकी बातों से मधु सा टपकता दिखे,
पल मे रच देते हैं, मीठे सपने सखे,
"भू-मध्य" को बनाते हैं, "कर्क" साथिया ...
उनको आते हैं लाखों सु-तर्क साथिया।
10 जून 2015 ... अजय।
छलने वालों से रहना सतर्क साथिया,
उनको आते हैं लाखों सु-तर्क साथिया।
पास आएंगे, तुमको लुभाएँगे वो,
रस मे डूबी कहानी सुनाएँगे वो,
उनकी बातों मे जाना, उलझ ना प्रिये,
वो जला लेते हैं, आँसुओं से दिये,
मिर्च बेचते हैं वे, लगा के बर्क साथिया ...
उनको आते हैं लाखों सु-तर्क साथिया।
उनकी काया के रंग गोरे-गोरे से हैं,
उनके मुखड़े के भाव, बड़े भोले से हैं,
उनकी बातों से मधु सा टपकता दिखे,
पल मे रच देते हैं, मीठे सपने सखे,
"भू-मध्य" को बनाते हैं, "कर्क" साथिया ...
उनको आते हैं लाखों सु-तर्क साथिया।
10 जून 2015 ... अजय।
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