वक़्त के फैसले...
वक़्त के भी गज़ब के फैसले हैं,
दर्द के हौसले अब बढ़ चले हैं,
सुकूँ तलाशने को अब किधर जाएँ,
कदम-दर-कदम पर तो ज़लज़ले हैं।
05जून 2015 ....अजय।
वक़्त के भी गज़ब के फैसले हैं,
दर्द के हौसले अब बढ़ चले हैं,
सुकूँ तलाशने को अब किधर जाएँ,
कदम-दर-कदम पर तो ज़लज़ले हैं।
05जून 2015 ....अजय।
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