खरीददार...खबरदार !...
सुन ऐ खरीददार ... खबरदार !
मैं बिकता नहीं हूँ ,
टूट जाऊँ भले एक दिन पर ...
मैं झुकता नहीं हूँ ।
चलते होंगे करोड़ों के, सिक्के तेरे ...
फिरते होंगे हज़ार, आगे पीछे तेरे ...
मैं न चल पाऊँगा तेरी राहें,
तेरा सिक्का नहीं हूँ ।
सुन ऐ खरीददार ... खबरदार ! मैं बिकता नहीं हूँ ।
गा सको मेरे सुर में, तो गाओ ...
चल सको मेरे संग, तो आ जाओ ...
कारवाँ हूँ वो, जो चल पड़ा हूँ,
मैं रुकता नहीं हूँ ।
सुन ऐ खरीददार ... खबरदार ! मैं बिकता नहीं हूँ ।
खोल आँखों को, आर-पार देखो...
हो रहे हैं वो तार-तार, देखो...
खुली पुस्तक मेरी जिंदगानी,
कोई परदा नहीं हूँ।
सुन ऐ खरीददार ... खबरदार ! मैं बिकता नहीं हूँ ।
31 मई 2015 ...अजय।
सुन ऐ खरीददार ... खबरदार !
मैं बिकता नहीं हूँ ,
टूट जाऊँ भले एक दिन पर ...
मैं झुकता नहीं हूँ ।
चलते होंगे करोड़ों के, सिक्के तेरे ...
फिरते होंगे हज़ार, आगे पीछे तेरे ...
मैं न चल पाऊँगा तेरी राहें,
तेरा सिक्का नहीं हूँ ।
सुन ऐ खरीददार ... खबरदार ! मैं बिकता नहीं हूँ ।
गा सको मेरे सुर में, तो गाओ ...
चल सको मेरे संग, तो आ जाओ ...
कारवाँ हूँ वो, जो चल पड़ा हूँ,
मैं रुकता नहीं हूँ ।
सुन ऐ खरीददार ... खबरदार ! मैं बिकता नहीं हूँ ।
खोल आँखों को, आर-पार देखो...
हो रहे हैं वो तार-तार, देखो...
खुली पुस्तक मेरी जिंदगानी,
कोई परदा नहीं हूँ।
सुन ऐ खरीददार ... खबरदार ! मैं बिकता नहीं हूँ ।
31 मई 2015 ...अजय।
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