शिकायतों का दौर...
चलता रहा शब भर, शिकायतों का दौर कुछ यूँ,
कि होश में आते ही बस, सहर हो गयी,
वो टूट कर बरसे मेरी बाहों में, इस कदर,
कि फेहरिश्त खुद ही घुल के बेनज़र हो गयी।
09 अक्तूबर 13 ...अजय
चलता रहा शब भर, शिकायतों का दौर कुछ यूँ,
कि होश में आते ही बस, सहर हो गयी,
वो टूट कर बरसे मेरी बाहों में, इस कदर,
कि फेहरिश्त खुद ही घुल के बेनज़र हो गयी।
09 अक्तूबर 13 ...अजय
No comments:
Post a Comment