Thursday, 10 October 2013

बस प्यार है...

बस प्यार है...

जरा देखिये मेरे यार का ये मेल, कितना धांसू है,
कि चेहरे पे फर्जी गुस्सा, और आँखों मे छुपा आँसू है 
इसे क्या नाम दूँ, .... मैं समझ ना पाऊँ
कभी उसको मैं देखूँ , और कभी नज़रें झुकाऊँ
आप अपनी राय दें, ....मुझे तो एतबार है,
ये और कुछ नहीं, ये तो बस प्यार है।

10 अक्तूबर 13                                           ...अजय । 

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