अंततः...
कोई साथ न लेकर कभी लाख, करोड़ गया,
सांस छूटी तो हर कोई सब कुछ छोड़ गया....
बटोरता रहा सारी ज़िंदगी जिस शख्स के लिए,
वही अंततः चिता पे, सर को फोड़ गया।
01 अक्तूबर 13 ....अजय ।
कोई साथ न लेकर कभी लाख, करोड़ गया,
सांस छूटी तो हर कोई सब कुछ छोड़ गया....
बटोरता रहा सारी ज़िंदगी जिस शख्स के लिए,
वही अंततः चिता पे, सर को फोड़ गया।
01 अक्तूबर 13 ....अजय ।
अत्यंत मार्मिक एवं हृदयस्पर्शी भाव ....
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