साला ...
मासूम सा दिखता था, पर उस्ताद था बड़ा,
मेरे गले मे डाल कर, माला चला गया।
निकले तलाशने थे हम, रेशम कि ओढ़नी,
टाँग कर गले, खादी का, दुशाला चला गया।
बनते थे हम भी तुर्रम,समझते थे हैं शमशीर,
पर पीठ मे वो कोंच कर भाला चला गया।
चरते थे खुले आम, अपनी मर्जी से हम,
लाकर गले में घर से वो, पगहा झुला गया।
डब्बे लपेट लाया, लाल पन्नियों मे खूब,
कलाकंद बोल करके, बताशा खिला गया।
किसी की न सुनते थे, जब बोला किए थे हम,
मेरी जुबां पे मार के ताला चला गया।
जो करीब से देखा, तो "मौन व्रत" दहेज में
अपनी बहन को ब्याह कर साला चला गया।
27 अप्रैल 13 ...अजय
मासूम सा दिखता था, पर उस्ताद था बड़ा,
मेरे गले मे डाल कर, माला चला गया।
निकले तलाशने थे हम, रेशम कि ओढ़नी,
टाँग कर गले, खादी का, दुशाला चला गया।
बनते थे हम भी तुर्रम,समझते थे हैं शमशीर,
पर पीठ मे वो कोंच कर भाला चला गया।
चरते थे खुले आम, अपनी मर्जी से हम,
लाकर गले में घर से वो, पगहा झुला गया।
डब्बे लपेट लाया, लाल पन्नियों मे खूब,
कलाकंद बोल करके, बताशा खिला गया।
किसी की न सुनते थे, जब बोला किए थे हम,
मेरी जुबां पे मार के ताला चला गया।
जो करीब से देखा, तो "मौन व्रत" दहेज में
अपनी बहन को ब्याह कर साला चला गया।
27 अप्रैल 13 ...अजय
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