बिजली रानी ...
ये आती भी है तो, ख़ुशी को ले कर
और जाती भी है तो, ख़ुशी को ले कर।
जश्न इसके आने का मनाएं भी क्या,
जाने किस पल ये जाए हमें छोड़ कर।
इससे तो अच्छा था, ये होती ही नहीं,
ना ही उम्मीद बन कर ये ढाती कहर।
वो अच्छी थीं बाँस- ताड़ की पंखियाँ,
जो डुला लेते थे हम किसी भी पहर।
हाथ-पाँव काट कर, ऐसे घात कर गयी,
अपने संग लेकर आई, कमाल के (यंत्र) जंतर।
झरोखों से हवा भी न आ- जा सके,
ऐसे महलों में रहती है दुल्हन बनकर।
ऐसी दुल्हन की हम तुम न ख्वाहिश करें,
अपने पीपल की छहियाँ हैं इनसे बेहतर।
ढिबरियों का उजाला, मेरे वश में था,
ये महारानी रहती हैं जाने किधर।
ऐ बालक अगर है मणी तेरे पास ,
तो इस बेवफा से न उम्मीद कर।
11मई 13 ...अजय
ये आती भी है तो, ख़ुशी को ले कर
और जाती भी है तो, ख़ुशी को ले कर।
जश्न इसके आने का मनाएं भी क्या,
जाने किस पल ये जाए हमें छोड़ कर।
इससे तो अच्छा था, ये होती ही नहीं,
ना ही उम्मीद बन कर ये ढाती कहर।
वो अच्छी थीं बाँस- ताड़ की पंखियाँ,
जो डुला लेते थे हम किसी भी पहर।
हाथ-पाँव काट कर, ऐसे घात कर गयी,
अपने संग लेकर आई, कमाल के (यंत्र) जंतर।
झरोखों से हवा भी न आ- जा सके,
ऐसे महलों में रहती है दुल्हन बनकर।
ऐसी दुल्हन की हम तुम न ख्वाहिश करें,
अपने पीपल की छहियाँ हैं इनसे बेहतर।
ढिबरियों का उजाला, मेरे वश में था,
ये महारानी रहती हैं जाने किधर।
ऐ बालक अगर है मणी तेरे पास ,
तो इस बेवफा से न उम्मीद कर।
11मई 13 ...अजय
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