Monday 26 August 2024

छ्द्म खबरें बनाम साजिशें

छद्म खबरें बनाम साजिशें

छद्म खबरों से पटे अखबार साथियों,

साजिशों का गर्म है बाजार  साथियों।

बाँटकर हमको मिटाना चाहते हैं लोग,

छाँट लो गुल में छिपे हैं खार साथियों।।


रात दिन भरमा रहे वे वोट की खातिर,

लड्डुओं के थाल थामे चोट की खातिर।

देशहित को रख दिया है ताक के ऊपर,

खेल सारा खेलते कुछ नोट की खातिर।।


जाति गणना चाहते हैं किस इरादे से ?

खेल यह कठपुतलियों का है 'पियादे' से।

कुंभकरणी नींद से जगना जरूरी अब,

एकजुट हो कर न हारें गैर-जादे से।।

25/8/24               ~अजय 'अजेय'।

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