तन्हाई की घड़ियों में.......
Wednesday, 6 September 2023
ईश्वर
(विजात छंद) ईश्वर एक है इसे सुनिये उसे सुनिये, जिसे चाहे उसे चुनिये। वही है एक हम सबका, उसी बस एक को गुनिये।। रहीमो राम भी वह है, तथा घनश्याम भी यह है। रहे यदि मेल अपनों में, नहीं कुछ भी भयावह है।। 9/2/23 ~अजय'अजेय'।
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