अँखिया के पुतरी...
(अँखियों पर एक प्रयास भोजपूरी में भी....)
अपने हियवा में हमके, बसा लs गोरिया,
हमके अँखिया के पुतरी, बना लs गोरिया।
दरपन निरेखबू त, हमहीं देखाइब,
पलक झुकईबू त, हमहूँ लुकाइब...
अपने गरवा में 'सुतरी' बन्हा लs गोरिया,
हमके अँखिया के पुतरी बना लs गोरिया।
तोरे आँखी बसेला, हमार ज़िंदगानी,
देखि नाहीं सकीं तोहरे, नयना में पानी,
अपनी देहींया के चुनरी, बना लs गोरिया,
हमके अँखिया के पुतरी, बना लs गोरिया।
०२ नवम्बर २०१५ ~~~ अजय।
(अँखियों पर एक प्रयास भोजपूरी में भी....)
अपने हियवा में हमके, बसा लs गोरिया,
हमके अँखिया के पुतरी, बना लs गोरिया।
दरपन निरेखबू त, हमहीं देखाइब,
पलक झुकईबू त, हमहूँ लुकाइब...
अपने गरवा में 'सुतरी' बन्हा लs गोरिया,
हमके अँखिया के पुतरी बना लs गोरिया।
तोरे आँखी बसेला, हमार ज़िंदगानी,
देखि नाहीं सकीं तोहरे, नयना में पानी,
अपनी देहींया के चुनरी, बना लs गोरिया,
हमके अँखिया के पुतरी, बना लs गोरिया।
०२ नवम्बर २०१५ ~~~ अजय।
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