एक नयी कार...?
आज कल जिसने बड़ी धूम सी मचाई है
सुना है कि शहर में एक कार नई आई है।
इसका मॉडल... अत्यंत ही खास है
क्योंकि इसे खरीदने का प्राधिकार.....
तो बस "लाचार व्यक्ति" के पास है।
इस ब्रांड की एजेन्सियां ... जमीन पे नहीं,
तंग "खयाली" गलियों मे हैं ...
मगर खरीद-दारों के मुकाम ...
उल्लसित,कुसुमित,सकुचाई "कलियों" मे हैं।
सेल्समेन को देखकर... पहले तो,
कुछ भी ज़ाहिर नहीं होता...क्योकि...
यदि ऐसा हो जाये तो ...
वो अपने "फन" मे माहिर नहीं होता।
खरीद-दारों के भी विभिन्न भेद ...
'आह' है, 'उफ़्फ़' है, 'आउच' है ,
और एक विशेष दर्जा ---
जिसका नाम 'कास्टिंग काउच' है।
सोच रहे होंगे न आप ...
कि अब तक इसे क्यों नहीं देखा है ?
अरे भई, 'कांसेप्ट' कार है ...
जिसके हर "रंग" मे धोखा है ।
चलिये, अब मैं खुद ही ये पर्दा हटा दूँ ,
क्योंकि हर हृदय बेकरार है ...
दोस्तों ये और कुछ नहीं, ...बस
मन आहत करने वाला एक व्यभिचार है,
विकृत ख़यालों का वंशज...
गुनाह कि जवां होती संतान ...
माँ, बहन, मासूम बेटियों का घातक ...
जिसका नाम..... "बलात्कार" है ।
हाँ ...यही वो नयी कार है
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और अंत मे सबसे निवेदन........
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एजेंसी वालों---बंद करो यह व्यापार,
सेल्समेन -----ग्राहक मत फंसाओ यार,
मीडिया---------न करो झूठा प्रचार,
आप सब-------जरा सतर्क...खबरदार,
खरीद-दार----- न खोजिए,न खरीदिए "नई कार"
नमस्कार... नमस्कार ...नमस्कार।
24 अप्रैल 2013 ...अजय
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