घनघोर बदरवा...
घिरि आओ घनघोर बदरवा...
घिरि आओ घनघोर.
खेतों की माटी है प्यासी...
छाई है चहुँ ओर उदासी
आकर अपने पावन जल से
मन कर जाओ विभोर बदरवा
घिरि आओ घनघोर बदरवा
घिरि आओ घनघोर.
पेड़ों के पत्ते तक आकुल ...
तुम ना आये सब जन व्याकुल
कहाँ खो गए श्याम-सांवरे
अब न सताओ और बदरवा
घिरि आओ घनघोर बदरवा
घिरि आओ घनघोर .
राह तुम्हारी देख रहे हम...
मन में दबा हुआ बिछोह-गम
तुम आओ तो सावन लाये
साजन को घर ओर बदरवा
घिरि आओ घनघोर बदरवा
घिरि आओ घनघोर.
घिरि आओ घनघोर.
खेतों की माटी है प्यासी...
छाई है चहुँ ओर उदासी
आकर अपने पावन जल से
मन कर जाओ विभोर बदरवा
घिरि आओ घनघोर बदरवा
घिरि आओ घनघोर.
पेड़ों के पत्ते तक आकुल ...
तुम ना आये सब जन व्याकुल
कहाँ खो गए श्याम-सांवरे
अब न सताओ और बदरवा
घिरि आओ घनघोर बदरवा
घिरि आओ घनघोर .
राह तुम्हारी देख रहे हम...
मन में दबा हुआ बिछोह-गम
तुम आओ तो सावन लाये
साजन को घर ओर बदरवा
घिरि आओ घनघोर बदरवा
घिरि आओ घनघोर.
04 अगस्त 12 .....अजय
Ati Sundar! Behatareen!
ReplyDeleteTum aao to main bhi ro lu,
hriday patal ko aaj tatolu,
piya nahi hain jab se, tab se gham ka aor na chhor badarwa!
ghiri aao ghanghor badarwa!!
ghiri aao ghanghor!
sankarshan ji shukriya aur bahut hi sundar add-on
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