Tuesday 31 August 2021

रात ! तू भी न सहारा देगी

*रात ! तू भी न सहारा देगी*

न फ़लक पर कोई चाँद, न ही तारा देगी,
बुरे वक्त में ऐ रात ! तू भी न सहारा देगी।
माना कि आज आँधियों का दौर है जारी,
कल की सहर यकीनन खुश-नजारा देगी।
23/8/21                 ~अजय 'अजेय'।

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