इश्क़ के सदके में...
इश्क़ के सदके में कुछ झुकना जरूरी है,
दी किसी ने है सदा, रुकना जरूरी है।
छोड़ कर पीछे उन्हें कैसे बढ़ाएँ हम कदम,
कारवाँ की रीत है....... रुकना जरूरी है।
रुक गए हैं हम तुम्हारी बात को सुनकर,
अब हमारी बात भी सुनना जरूरी है।
वह दिखाता है वही जो वास्तव मे है,
उसको यारों "आईना" कहना जरूरी है॥
10/06/2016 ~~~अजय।
इश्क़ के सदके में कुछ झुकना जरूरी है,
दी किसी ने है सदा, रुकना जरूरी है।
छोड़ कर पीछे उन्हें कैसे बढ़ाएँ हम कदम,
कारवाँ की रीत है....... रुकना जरूरी है।
रुक गए हैं हम तुम्हारी बात को सुनकर,
अब हमारी बात भी सुनना जरूरी है।
वह दिखाता है वही जो वास्तव मे है,
उसको यारों "आईना" कहना जरूरी है॥
10/06/2016 ~~~अजय।
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