तन्हाई की घड़ियों में.......
Wednesday, 25 June 2014
आँख का नूर...
आँख का नूर
....
कोई शख्स सब की आँखों का नूर नहीं है;
इसमे तेरा या मेरा कुसूर नहीं है;
नज़रें अपनी हैं नज़ारे भी हैं अपने अपने;
मगर खुदा से हटकर कोई मशहूर नहीं है।
23 जून 14 ...अजय।
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment