शुभ दीपावली
खुशियों के दीपक में प्रेम - बाती जलाएँ
रोशनी भरपूर हो, ऐसे अँधेरा मिटायें
गुज़ारिश भी है मगर कि पटाखे न चलायें
ये धरती हमारी, आसमां हमारा है दोस्तों
हर हाल में प्रदूषण से बचाना है दोस्तों
माँ की गोद में सोते दुलारे की नींद न उचट जाये
कुछ ऐसी फुलझड़ियाँ जलाना है दोस्तों
बुजुर्गों की साँसों के लिए, महफूज़ रहे ये हवा
कल सुबह को उठ के, मांगें न वे कोई दवा
न ही किसी हादसे की खबर हो अखबार में
ख़ुशी का माहौल है, सब खुश रहें त्यौहार में।
11नवंबर 12 ......अजय